नेटवर्क मार्केटिंग, MLM, डायरेक्ट सेलिंग। ये तीनों संकल्पनाएं आपने अनेक बार सुनी होंगी। और इनके बारे में आपके मन में कई सवाल होंगे।जैसी क्या नेटवर्क मार्केटिंग, MLM और डायरेक्ट सेलिंग समान होते है? और इनमे फर्क क्या है।
तो चलिए इस लेख से MLM, direct selling kya hai? इन संकल्पनाओं का अर्थ समझते है।
डायरेक्ट सेलिंग का करोबार दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। कई कंपनिया इसे अपना रही है और अपना बिजनेस आगे बढ़ा रही है। डायरेक्ट सेलिंग से होने वाली इनकम भी बढ़ती जा रही है। इस बढ़ते व्यापार ने कई करोड़पियों का निर्माण किया है।
लेकिन ये direct selling आखिर hai kya? What is direct selling in hindi?
डायरेक्ट सेलिंग क्या है? Direct Selling Kya Hai?
डायरेक्ट सेलिंग एक संकल्पना है। इस संकल्पना के तहत कंपनिया अपने उत्पाद स्वतंत्र डिस्ट्रीब्यूटर्स की मदद से ग्राहकों को बेचती है। इसका मतलब डायरेक्ट सेलिंग में एक स्वतंत्र डिस्ट्रीब्यूटर उत्पादों की मार्केटिंग और बिक्री करता हैं। इसमें कोई होलसेलर, एजेंट आदि की भागीदारी नहीं होती। डिस्ट्रीब्यूटर्स कंपनी के कर्मचारी नहीं बल्कि स्वरोजगारी होते हैं।
प्रायः यह स्वतंत्र डिस्ट्रीब्यूटर एक ग्राहक ही होता है। इस कार्य के बदले उसे कमीशन आदा किया जाता है। यह डिस्ट्रीब्यूटर अपने लिए आवश्यक सामान की ख़रीद के लिए भी खुद ही जिम्मेदार होता है। उनके भौतिक भंडार (दुकान) नहीं होता है। वो उत्पादों को सीधा फोन या बातचीत से ही बेचते है।
अपने परिजनों, दोस्तो और रिश्तेदारों को ज्यादातर डिस्ट्रीब्यूटर उत्पाद बेचते हैं ।
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डायरेक्ट सेलिंग में नीचे दिए गए तरीको से बिक्री होती है।
- व्यतिगत प्रदर्शन – इसमें डिस्ट्रीब्यूटर खुद उत्पादों का प्रदर्शन ग्राहकों के सामने करते है। प्रायः यह प्रदर्शन किसी के घर पे होते है। इसके बाद ग्राहक अपनी पसंदीदा चीज ख़रीद लेता है।
- समारोह – डिस्ट्रीब्यूटर इन उत्पादों का विज्ञापन किसी सार्वजनिक समारोह में भी कर सकते है।
- ऑनलाइन बिक्री – डिस्ट्रीब्यूटर्स ऑनलाइन कैटलॉग बनकर भी उत्पादों की बिक्री करते है।
डायरेक्ट सेलिंग में बेचे जाने वाले सामान
डायरेक्ट सेलिंग मै सौंदर्य वर्धक उत्पाद, स्वायंपक के लिए आवश्यक संसाधन, सप्लीमेंट्स, कपड़े, व्यक्तिगत देखभाल का सामान इत्यादि बेचा जाता है।
डायरेक्ट सेलिंग का इतिहास
डायरेक्ट सेलिंग मॉडल १८ वी सदी से पहले ही इस्तमाल में रहा है। परंतु १८८६ मै स्थापित Avon सबसे पहले शुरू की गई डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों में से एक है। तब avon कंपनी का नाम कैलिफोर्निया परफ्यूम कंपनी था। भारत की सबसे पहली डायरेक्ट सेलिंग कंपनी मोदीकेयर की स्थापना १९९६ मै हुई थी। तबसे डायरेक्ट सेलिंग भारत भर में फ़ैल चुका है।
डायरेक्ट सेलिंग कंपनी कैसे चुने
तो आपने डायरेक्ट सेलिंग से जुड़ने का निर्णय बना लिया है। भारत में प्रायः डायरेक्ट सेलिंग नेटवर्क मार्केटिंग ही होती है। सही कंपनी चुनने से आपका करियर आसानी से बन जाता है।
डायरेक्ट सेलिंग की कंपनी चुनने के लिए आपको कंपनी की सारी डिटेल्स पता करनी होंगी।
- कंपनी के मालिक, ऑफिस की जगह, income प्लान की जानकारी
- कंपनी के उत्पादों की जानकारी और उनकी गुणवत्ता
- कंपनी के महत्वपूर्ण डॉक्युमेंट्स जैसे कि सरकारी दस्तावेज़ इत्यादि
इन सभी की उचित रिसर्च करके आप एक सही कंपनी चुन सकते हैं।
डायरेक्ट सेलिंग कंपनी
भारत की टॉप डायरेक्ट सेलिंग कंपनिया है
- Vestige
- Amway
- Safe Shop
- Avon
- Oriflame
- Modicare
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डायरेक्ट सेलिंग के बेनिफिट्स
एक्स्ट्रा इनकम
डायरेक्ट सेलिंग से डिस्ट्रीब्यूटर्स को एक एक्स्ट्रा इनकम का सोर्स प्राप्त होता है। अपने रोज के काम के साथ साथ आप डायरेक्ट सेलिंग बिजनेस भी कर सकते है।
स्वतंत्रता
डायरेक्ट सेलिंग का काम इंसान किसी भी समय कर सकता है। समय का कोई बंधन इसमें नहीं होता है। इसके सिवा, आप जैसे चाहे वैसे जिसे चाहे उसे, उत्पाद बेच सकते है। आप अपनी मेहनत बढ़ाकर इनकम भी बढ़ा सकते है। यह स्वंत्रता आपको बस डायरेक्ट सेलिंग से ही मिलती है।
व्यक्तिगत क्षमता विकास
डायरेक्ट सेलिंग से आपकी कई स्किल्स का विकास होता है। यह स्किल्स बिजनेस और जीवन में काम आते है। टाइम मैनेजमेंट, ऑर्गनाइज करना, प्रेजेंटेशन करना, संवाद कौशल्य आदि। इन सभी स्किल्स को तराशने का मौका आपको मिलता है।
कोई बंधन नहीं
डायरेक्ट सेलिंग में समय, शिक्षण, इन्वेस्टमेंट का कोई बंधन नहीं होता है। एक वृद्ध इंसान रिटायरमेंट के बाद भी यह काम कर सकता है। डायरेक्ट सेलिंग आपको निर्बंधो से मुक्त होकर काम करने का अवसर देती है।
गुणवत्ता
डायरेक्ट सेलिंग से आपको अच्छी गुणवत्ता के प्रोडक्ट्स मिलते है। क्योंकि इन उत्पादों को खुद डिस्ट्रीब्यूटर्स इस्तमाल करते है। अगर उत्पाद उन्हें पसंद आए, तभी वे उन्हें आगे बेचते है। इसी वजह से कंपनी अच्छी गुणवत्ता पर जोर देती है।
पहचान मिलना
डायरेक्ट सेलिंग के कारोबार में कंपनिया हमेशा अपने टॉप डिस्ट्रीब्यूटर्स को खुश रखती है। कंपनी इन्हे कई उपहार, ट्रिप्स वगेरह देती है। इससे डिस्ट्रीब्यूटर्स खुश और कंपनी से निष्ठावान रहते है।
उत्पादों पे डिस्काउंट मिलना
डायरेक्ट सेलिंग कंपनिया अपने डिस्ट्रीब्यूटर्स को हमेशा डिस्काउंट देती है। बिक्री जैसे जैसे बढ़ती जाती है वैसे डिस्काउंट प्रतिशत बढ़ता जाता है। इससे डिस्ट्रीब्यूटर्स को अधिक और अधिक नफा होता है। डायरेक्ट सेलिंग में मिलने वाला डिस्काउंट ५-४०% तक होता है। इसके सिवा, कई कंपनीज ट्रिप्स उपहार इत्यादि भी आपको देती है।
दुकान का खर्च
डायरेक्ट सेलिंग में डिस्ट्रीब्यूटर्स को दुकान नहीं रखना पड़ता। इससे दुकान बनाने, मेंटेन करने इत्यादि के ऊपर का खर्चा बच जाता है। इसी कारण डायरेक्ट सेलिंग से होने वाला मुनाफा अधिक होता है।
डायरेक्ट सेलिंग के नुकसान
डायरेक्ट सेलिंग के वैसे तो कोई नुकसान नहीं है। परंतु अच्छे स्किल्स और लगन से काम करना आवश्यक है। तभी आप आगे बढ़ सकते हैं। अन्यथा, आप असफल हो सकते है।
- रिजेक्शन – आजकल के बढ़ते कॉम्पटीशन के कारण लोग काफी सतर्क हो गए है। वे अपने पैसे निवेश करने से पहले १० बार सोचते है। इसी वजह से आपको डायरेक्ट सेलिंग के आरंभ में रिजेक्शन का सामना करना पड़ सकता है।
- कई लोगो तक पहुंचना- डायरेक्ट सेलिंग में आप कई लोगो तक तुरंत नहीं पहुंच सकते। आपको मेहनत से अपना नेटवर्क का विस्तार करना पड़ेगा। कठिन परिश्रम और जिद से ही आप सफल होंगे।
अधिक वाचन : स्किल्स जो आपको नेटवर्क मार्केटिंग का हीरो बना देंगे।
डायरेक्ट सेलिंग का फ्यूचर
डायरेक्ट सेलिंग का फ्यूचर काफी उज्जवल है। कई सारे रिपोर्ट, एक्सपर्ट्स के दावे और सरकार के सपोर्ट इसी ओर इशारा करते है। बितते हर साल के साथ डायरेक्ट सेलिंग कारोबार बढ़ता जा रहा है।
इसके बारे में अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करे। Future of Direct Selling in Hindi जो आपको मिस नहीं करनी चाहिए।
डायरेक्ट सेलिंग से कैसे पैसे कमाए जाते है?
डायरेक्ट सेलिंग दो तरीको से की जाती है – SLM और MLM।
SLM यानी सिंगल लेवल मार्केटिंग। इसमें डिस्ट्रीब्यूटर्स को प्रत्यक्ष उनके द्वारा की गई बिक्री पर कमीशन मिलता है। MLM में डिस्ट्रीब्यूटर्स अपनी टीम बनाते है। वो अपनी टीम के हर एक सदस्य को बिक्री बढ़ाने के लिए प्रशिक्षित करता है। इसीलिए MLM में कंपनी, डिस्ट्रीब्यूटर ने की बिक्री के साथ साथ उसकी टीम द्वारा की बिक्री का भी कमीशन आदा करती है।
प्रत्येक कंपनी के कमीशन प्लान अलग अलग होते है। निष्कर्ष जरूर पढ़िएगा।
चलिए अब MLM के बारे में जानते है।
MLM क्या है?
MLM का फूल फॉर्म है मल्टी लेवल मार्केटिंग है। इस मार्केटिंग में स्वतंत्र डिस्ट्रीब्यूटर अपनी परिजनों को कंपनी से जोड़ते है। इसी के साथ साथ, वे उन्हें बिजनेस करने के लिए ट्रेनिंग देते है। इसप्रकर एक टीम बनाई जाती है। यह टीम मेहनत करके कंपनी की बिक्री बढ़ाती है। इससे हर इंसान को मिलने वाले कमीशन में बढ़ोत्तरी होती है।
समय के साथ यह लिंक (टीम) बढ़ती जाती हैं। बढ़ती बिक्री और डिस्ट्रीब्यूटर्स को होने वाली इनकम भी बढ़ती जाती है।
निष्कर्ष जरूर पढ़िएगा।
नेटवर्क मार्केटिंग
नेटवर्क मार्केटिंग में डायरेक्ट सेलिंग मल्टी लेवल मार्केटिंग के माध्यम से की जाती है। नेटवर्क मार्केटिंग के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करें। Network Marketing A to Z In Hindi (2022)
निष्कर्ष
तो जैसी की अपने जाना डायरेक्ट सेलिंग में कंपनी सीधे ग्राहकों को उत्पाद बेचा करती है। तो दूसरी और MLM
में एक लंबी लिंक बनाई जाती है। परंतु सामान्य बोली भाषा डायरेक्ट सेलिंग, MLM और network marketing को एक ही समझा जाता है।तो इन संकल्पना से भ्रमित ना होते हुए अपना बिजनेस बढ़ते रहिए। आशा करता हू आपको direct selling kya hai? वो समझ में आया होगा।
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